hi how are you today live in vienna then i go to thialand have strory tell everyboby बरादेई ने कहा है पश्चिमी देशों को आगाह किया है कि वो ईरान को धमकाने के बजाए नरमी से पेश आयें। आज वियना में iaea की 51 वीं महाधिवेशन की शुरुआत हुई। इस अधिवेशन में दुनिया भर में परमाणु उर्जा से जुड़े मसलों पर चर्चा होनी है।
वीओ 1 -- विएना के इंटरनैशनल सेंटर पर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ 51 वें महाअधिवेशन की शुरुआत हुई। सबकी निगाहें इस बात पर लगी थी कि आखिर IAEA के डायरेक्टर जनरल अध्यक्ष मोहम्मद अल बरादेई आखिरकार ईरान के मसले पर कहते क्या हैं बरादेई ने साफ किया कि ईरान के मसले पर किसी भी सख्ती की सूरत में हालात बिगड़ जाएंगे।
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वीओ 2 -- पत्रकारों के सवाल के जवाब में बरादेई ने कहा कि किसी को भी शक के आधार पर कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। शक के आधार पर इराक में कार्रवाई का नतीजा दुनिया देख चुकी है।
बाइट वीओ 3 बरादेई ने ये भी कहा कि अगर ईरान के साथ सख्ती की जाती है तो मामला बिगड़ सकता है। बरादेई का इशारा फ्रांस और अमेरिका की ओर था जो लगातार ईरान को इस बात के लिए धमाका रहे है कि वो परमाणु संवर्धन का काम बंद कर दे। कल ही फ्रांसिसी मंत्री कुर्शनेव ने कहा था कि ईरान से जंग के लिए तैयार रहना चाहिए। बरदेई ने ये भी कहा कि ईरान परमाणु हथियार बना रहा है इसकी अब तक कोई सबूत नहीं मिले है लेकिन दुनिया में कई ऐसे देश है जिन्होंने परमाणु हथियार बनाने की तकनीक या तो जुटा ली है या इसमें जुटे हुए हैं। बरादेई ने कहा कि बातचीत के जरिए ही आईएईए ने कोरिया के साथ मामला सुलझाया और आज कोरिया के तमाम परमाणु संस्थानों में आईएईए के इंस्पेक्टर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ईरान को इस बात के लिए तैयार करना चाहिए कि वो अपने सारे परमाणु संस्थान सार्वजनिक करे। बरदोई ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और ईरान के बीच भरोसा टूट रहा है और इसे मजबूत करने की जरुरत है।
भारत के आईएईए के साथबातचीत के मुद्दे पर बरदेई ने कहा कि वो इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि भारत सरकार के प्रतिनिधि उनसे बात शुरु करें। उनका कहना था कि भारत और अमेरिका के बीच परमाणु समझौता एक बेहतर शुरुआत है और इससे भारत की उर्जा जरुरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
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इससे पहले भारतीय परमाणु आयोग के अध्यक्ष अनिल काकोदकर वियना पहुंच चुके हैं लेकिन जब ड्येचे वेले ने उनसे इस मुद्दे पर पूछना चाहा तो वो कुछ भी बताने को तैयार नहीं हुए।साफ है लेफ्ट का दबाव काम आ रहा है । कल वैज्ञानिक फोरम की बैठक होगी जिसमें हो सकता है कि भारत का मुद्दा उठे तब काकोदकार साहब कोई बयान दें लेकिन फिलहाल वो चुप हैं ।